उत्तर प्रदेश: वाराणसी स्थित कैंट रेलवे स्टेशन की बाइक पार्किंग में बीती रात भीषण आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग इतनी तेजी से फैली कि पार्किंग में खड़े 200 से ज्यादा दोपहिया वाहन जलकर राख हो गए। इस घटना ने वहां मौजूद कर्मचारियों और लोगों को घबराहट में डाल दिया। आग पर काबू पाने के लिए 12 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवान मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक भारी नुकसान हो चुका था।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग, लाखों का नुकसान
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि शॉर्ट सर्किट के कारण पार्किंग में आग लगी। हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों का आरोप है कि पार्किंग क्षेत्र में आग बुझाने के लिए उचित इंतजाम नहीं किए गए थे, जिसके चलते आग इतनी बड़ी बन गई। आग के कारण अनुमानित लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
कर्मचारी पार्किंग में आग, कोई घायल नहीं
रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि यह पार्किंग कैंट रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है। हालांकि, इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली है। सीओ जीआरपी, कुंवर बहादुर सिंह ने बताया कि घटना में कुछ साइकिलें भी जल गई हैं। उन्होंने कहा, “आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी, और हम मामले की जांच कर रहे हैं।”
आग बुझाने में आई दिक्कतें, तेज लपटों ने विकराल रूप लिया
घटना स्थल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और पुलिस अधिकारियों को पानी की पाइप से आग बुझाने की कोशिश करते देखा जा सकता है। लेकिन जब तक आग पर काबू पाया गया, तब तक पार्किंग में खड़े 200 से ज्यादा टू-व्हीलर जलकर खाक हो चुके थे। कई रेलवे कर्मचारियों ने अपने वाहनों को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेज थी कि वे अपने वाहनों को बचा नहीं सके।
सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए जा रहे हैं
आग लगने के बाद सुरक्षा उपायों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। पार्किंग में आग बुझाने के इंतजामों की कमी और शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों के अनुपालन की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस घटना की जांच की जा रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
आग बुझाने में जुटे थे 12 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां
आग बुझाने के लिए करीब 12 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और जीआरपी, आरपीएफ तथा स्थानीय पुलिस की मदद से आग पर काबू पाया। इस हादसे ने रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए सुरक्षा की नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है।